घनश्याम डी रामावत
पश्चिमी राजस्थान अर्थात मारवाड़ में इस बार भीषण गर्मी के आसार साफ नजर आ रहे हैं। मार्च महिने के अंतिम सप्ताह में ही गर्मी का जिस प्रकार का रौद्र रूप देखने को मिला हैं, और जिस तरह सूरज की तेज तपिश का कहर निरन्तर रूप से जारी हैं/उससे तो यही लगता हैं। मारवाड़ में गर्मी की भीषणता तो रहती हैं किंतु इतना जल्दी इसका असर नजर नहीं आता हैं। इस बार शरीर को झुलसाने वाली सूरज की तेज किरणों का असर समय से काफी पहले ही शुरू हो गया हैं। सूरज की तपिश बढ़ गई हैं तथा गर्मी के साथ हवा में नमी भी कम होती जा रही हैं। इससे शरीर से पसीने के रेले बहने शुरू हो गए हैं। चैत्र खत्म होने के बाद वैशाख की शुरूआत में ही पश्चिमी राजस्थान में गर्मी ने जोर पकड़ लिया हैं। यहां दिनों-दिन गर्मी व सूरज की किरणों का असर बढ़ता जा रहा हैं। यही कारण हैं कि दोपहर में शहर की सडक़ों पर आवाजाही कम हो गई हैं।
पखवाड़ा पूर्व हो रहा था सर्दी का अहसास
लोगों ने दोपहर में घर व कार्यालय से बाहर निकलना भी कम कर दिया हैं। खास बात यह हैं कि करीब एक पखवाड़ा पूर्व रात व सुबह के समय लोगों को सर्दी का अहसास हो रहा था लेकिन गत पन्द्रह दिनों में ही तापमान में एकाएक वृद्धि हो गई। आज सोमवार हैं, जोधपुर सहित समूचे पश्चिमी राजस्थान/मारवाड़ में गर्मी परवान पर हैं। सुबह दस बजे के बाद ही तेज धूप में लोगों का निकलना मुश्किल हो गया हैं। देशभर में आज एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ कई दलित संगठनों ने संयुक्त तौर पर भारत बंद का आव्हान कर रखा हैं। इसका असर जोधपुर व मारवाड़ में भी नजर आ रहा हैं। अधिकांश प्रतिष्ठान बंद होने से लोग अपने-अपने घरों में ही आराम कर रहे हैं, लिहाजा आज की गर्मी के कहर से तो वे बच ही गए हैं।
समय से पहले कूलर/एसी की टोह
पिछले सप्ताह भर से तो यह आलम हैं कि सूरज की तेज किरणों के कारण मकानों व दुकानों के आगे खड़ी गाडिय़ां भी गर्म होने लग गई हैं। घरों की छतों पर रखी प्लास्टिक की टंकियों में भी पानी अभी से ही गर्म होने लगा हैं। हमेशा की तरह सूर्यनगरी जोधपुर के वाशिंदों/दुकानदारों ने राहगीरों के लिए पानी के कैम्पर लगाकर ठंडे पानी का इंतजाम करना शुरू कर दिया हैं। बाजार में जहां शीतल पेय एवं ठेलों पर भी कुल्फी आदि की बिक्री एकाएक बढ़ गई हैं, घरों व प्रतिष्ठानों पर लोगों ने गर्मी के कहर से बचने हेतु समय से पहले कूलर/एसी की टोह लेना शुरू कर दिया हैं।
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