Friday, 9 March 2018

वसुन्धरा राजे : नहीं थमी नाराजगी/चुनावी पिटारा बेअसर!

घनश्याम डी रामावत
कल 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के अवसर पर झुंझुनू में राष्ट्रीय पोषण मिशन के आगाज के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में सूबे की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को अपने उद्बोधन के दौरान जिस तरह से युवाओं के विरोध का सामना करना पड़ा, यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि सत्तारूढ़ राजस्थान सरकार और खासकर इसकी मुख्या वसुन्धरा राजे की कार्यशैली को लेकर नाराजगी में कोई कमी नहीं आई हैं। यह तब हो रहा हैं जब हाल ही में विधानसभा बजट के दौरान मुख्यमंत्री राजे द्वारा अनेक लोक लुभावन घोषणाएं की गई हैं। सीधे-सीधे यह घोषणाएं जिन्हें राजनीतिक हलकों में चुनावी पिटारा नाम दिया गया, बेअसर साबित होती ही प्रतीत हो रही हैं। पीएम की मौजूदगी में युवाओं द्वारा विरोध व्यक्त किए जाने से मुख्यमंत्री राजे की एक बार फिर किरकिरी हुई हैं। 

बजट सत्रे में की गई अनेक लोक लुभावन घोषणाएं
राजस्थान सरकार ने वर्ष 2018-19 के बजट में किसानों का कर्जा माफ करने, 77 हजार रिक्त पद भरने तथा सडक़, सिंचाई, चिकित्सा, पेयजल सहित कई योजनाओं की घोषणा करते हुए 17 हजार 454 करोड़ 85 लाख रूपए का राजस्व घाटे का बजट प्रस्ताव पेश किया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वित्त मंत्री के रूप में विधानसभा में बजट प्रस्ताव पेश करते हुये उप चुनावों में हुई हार के बाद कई लोक लुभावनी घोषणायें की। राजे की ओर से अपनी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री भैंरोसिंह शेखावत और सुंदर सिंह भंडारी को सम्मान देते हुये उनके नाम से दो योजनाएं शुरू करने की घोषणा भी की गई। बजट में कोई नया कर नहीं लगाने और 650 करोड़ रूपए की राहत दिए जाने की बात भी कही गई। राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को राहत देने की घोषणा करते हुये किसानों को 50 हजार तक सहकारी बैंकों के लघु एवं सीमांत किसानों के ऋ ण को माफ करने, कृषि उपकरणों पर भी राहत देने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र के मध्यम और लघु किसानों को भी अनुदान पर राहत दिए जाने की घोषणा की गई। राजस्थान राज्य कृषक ऋ ण राहत आयोग के गठन की घोषणा सहित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के परिवारों को जीविकोपार्जन का साधन जुटाने के लिये भैंरोसिंह शेखावत अंत्योदय स्वरोजगार योजना तथा आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य श्रेणी के परिवारों को जीविकोपार्जन के लिये सुंदर सिंह भंडारी ईबीसी स्वरोजगार योजना शुरू करने की घोषणा भी की गई। 

प्रदेश सरकार व प्रदेश बीजेपी नेतृत्व परेशान
राजस्थान की सत्तारूढ सरकार के अनुसार इन दोनों योजनाओं के तहत 50-50 हजार परिवारों को 50 हजार रूपये का ऋ ण न्यूनतम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जायगा। राजस्थान सरकार की ओर से भू-कारोबार में मंदी के मद्देनजर डीएलसी दरों में कमी करने साथ भूखंडों के मूल्यांकन पर अतिरिक्त रियायत दिए जाने की उद्घोषणा भी की गई हैं। राजस्थान सरकार अपने इस बहुत ही कम रह गए कार्यकाल में इन घोषणाओं को किस हद तक लागू कर पाएगी व लोगों को इसका कितना लाभ मिलेगा/यह तो भविष्य के गर्त में हैं, किन्तु जनता खासकर युवाओं की नाराजगी जिस तरह से प्रदेश सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ रही हैं, सरकार व प्रदेश बीजेपी का नेतृत्व परेशान हैं, यह बात सोलह आने सच हैं। चिंता का कारण विधानसभा चुनाव 2018 तो हैं ही, लोकसभा का चुनाव भी हैं जो वर्ष 2019 में होना हैं।

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