घनश्याम डी रामावत
जोधपुर नगर निगम राजस्थान का पहला ऐसा निकाय संस्थान हैं जो कचरे से बिजली का उत्पादन करने जा रहा हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के अंतर्गत जोधपुर निगम इस प्रोजेक्ट की शुरूआत करने जा रहा हैं। इस प्रोजेक्ट में करीब 100 करोड़ रूपए की लागत आएगी जिसको लेकर निजी कंपनी को लैंड भी अलोट कर दी गई हैं अब सरकार के स्तर पर एक एमओयू होना बाकी हैं उसके होते ही इस प्रोजेक्ट पर काम होना शुरू हो जाएगा। नगर निगम की माने तो इससे प्रतिदिन 103 मेघावाट की बिजली तैयार होगी।
जोधपुर नगर निगम की ओर से कचरे से बिजली बनाने की कवायद अंतर्गत 100 करोड़ के टेंडर कर दिए गए हैं और इस पर काम शुरू होना हैं। कचरे से बिजली निर्माण की पहल के तहत संबंधित लागत का प्रोजेक्ट बनाने के साथ ही भूमि का आवंटन कर दिया गया हैं। प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद 103 मेगावाट बिजली प्रतिदिन तैयार होगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार स्तर पर एमओयू होना बाकी रहा हैं जिसके बाद इसका कार्य विधिवत रूप से शुरू हो जाएगा। ज्ञातव्य रहें, जोधपुर महानगर में प्रतिदिन 600 टन कचरा एकत्रित होता हैं, इसी कचरे से 103 मेघावाट बिजली तैयार किए जाने की योजना नगर निगम द्वारा प्लान की गई हैं। महापौर घनश्याम ओझा लगातार इसके लिए मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ओझा की माने तो वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के तहत जो 600 टन कचरा निकलता हैं उससे करीब 103 मेघावाट बिजली बनेगी जिसके तहत 100 करोड़ रूपए का प्रोजेक्ट हैं और पार्टी को लेंड अलोट कर दिया गया हैं और पार्टी की ओर से 5 करोड़ की बैंक आरटी भी जमा करा दी गई हैं। अब सरकारी स्तर पर जो एमओयू अटका हुआ हैं उसके होने के बाद इसका काम शुरू कर दिया जाएगा।
बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
नगर निगम के अनुसार राजस्थान सरकार जिस तरह पूरे प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास कर रही है उन्हीं प्रयासों को अमली जामा पहनाने के लिए जोधपुर नगर निगम की ओर से यह सारी कवायद हैं। नगर निगम द्वारा इस योजना को लेकर पिछले कई सालों से कार्य किया जा रहा हैं और स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे से बिजली उत्पादन की योजना लागू करने वाला जोधपुर निगम प्रदेश का पहला शहर हैं। इससे कचरा नियमित उठेगा, निस्तारण होगा और बिजली भी बनेगी।
No comments:
Post a Comment