Sunday, 24 December 2017

रिफाइनरी : राजनीति गर्माने के संकेत

घनश्याम डी रामावत
राजस्थान के पचपदरा में प्रस्तावित रिफाइनरी को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्माने के आसार प्रबल होते दिखाई पड़ रहे है। साल 2017 खत्म होने को हैं और अगले वर्ष में ही राजस्थान में चुनाव होने हैं। चार साल तक चुप्पी साधे बैठी रही प्रदेश की सत्तारूढ वसुंधरा सरकार ने फिर एक बार शगुफा छोड़ दिया हैं। नया एमओयू के साथ नए ढंग से उदघाटन करवाया जायेगा। ज्ञातव्य रहें, पूर्ववत्र्ती कांग्रेस सरकार भी इस रिफाइनरी का विधिवत रूप से शिलान्यास अपने समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह व उस समय की कांगे्रस अध्यक्षा सोनिया गांधी से करवा चुकी हैं।

चूंकि अगले साल में चुनाव हैं, बाड़मेर के पचपदरा में एक बार फिर गतिविधियां जबरदस्त बढ़ गयी हैं। रिफाइनरी मामले में जहां तक जानकारी मिल रही हैं राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से समय भी ले लिया हैं। इस बात का संकेत पिछले दिनों प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी अपनी जोधपुर यात्रा के दौरान स्वयं दे चुके हैं। दरअसल पिछले चार वर्षों से रिफाइनरी का मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में ही था। इसका वापस अब एमओयू हुआ हैं। अगस्त 2017 में पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड एचपीसीएल के साथ नया एमओयू किया गया हैं जबकि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आईओसीएल के साथ एमओयू किया गया था। सूबे की कांग्रेस पार्टी का आरोप हैं कि एमओयू सार्वजनिक नही किया गया। ये प्रोजेक्ट विलंब से शुरू करने के कारण प्रदेश को करोड़ों रूपयों का नुकसान हुआ हैं। कांग्रेस के अनुसार रिफाइनरी युवाओं के लिए रोजगार को सशक्त जरिया था, विलंब से युवा रोजगार से वंचित  रहे। 43 हजार करोड़ की अनुमानित लागत का ये प्रोजेक्ट राजस्थान सरकार और एचपीसीएल के बीच अगस्त में हुए एमओयू के तहत शुरू किया जायेगा। रिफाइनरी की लागत अब 43.129 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी हैं और तय समझौते के मुताबिक इसकी दरें आयेगी। वहीं संयुक्त रूप से कंपनी का नाम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड होगा। जिसमें एचपीसीएल की 74 प्रतिशत और राजस्थान सरकार की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

स्थानीय युवाओं को रोजगार देने में सहायता मिलेगी
ये रिफाइनरी पर्यावरण  अनुकूल प्रौद्योगिकी के तहत लगायी जा रही हैं। जिसमें भारत मानक 6 दर्जे के पैट्रोलियम उत्पादों को तैयार करने वाली देश की ये पहली रिफाईनरी होगी। दरअसल 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी नेता नरेन्द्र मोदी(वर्तमान पीएम) की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान रिफाइनरी लगाने के साथ ही पैट्रोलियम इंस्टीटूयट की स्थापना की बात जोर शोर से कही गई थी। यह वाकई आश्चर्यजनक हैं कि मौजूदा राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में अपेक्षित ठोस/त्वरित कार्यवाही अभी तक नजर नहीं आई हैं। समीक्षकों की माने तो यहां पर रिफाईनरी लगने से आईटीआई और कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार देने में सहायता मिलेगी। पचपदरा/राजस्थान में रिफाइनरी लगने राजस्थान पैट्रोलियम सहायक उद्योगों के हब बनने से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे।

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