Tuesday, 1 December 2015

जोधपुर उम्मेद भवन पैलेस: मारवाड़ का ताजमहल

घनश्याम डी रामावत
वैसे तो ताजमहल आगरा में स्थित हैं लेकिन पश्चिमी राजस्थान में भी ऐसा ही एक महल हैं जिसे लोग मारवाड़ का ताजमहल कहते हैं। यह महल हैं जोधपुर स्थित ‘उम्मेद भवन पैलेस’। उम्मेद भवन पैलेस का नाम इसके संस्थापक महाराजा उम्मेद सिंह के नाम पर रखा गया हैं। चित्तर पहाड़ी पर होने के कारण यह सुंदर महल ‘चित्तर पैलेस’ के रूप में भी जाना जाता हैं। यह भारत-औपनिवेशिक स्थापत्य शैली और डेको-कला का एक आदर्श उदाहरण हैं। डेको कला स्थापत्य शैली यहां हावी हैं और यह 1920 और 1930 के दशक के आसपास की शैली हैं। हॉल को तराशे गये बलुआ पत्थरों को जोड़ कर बनाया गया था। महल के निर्माण के दौरान पत्थरों को बांधने के लिये मसाले का उपयोग नहीं किया गया था। यह विशिष्टता बड़ी संख्या में पर्यटकों को इस महल की ओर आकर्षित करती हैं। इस सुंदर महल के वास्तुकार हेनरी वॉन, एक अंग्रेज थे। महल का एक हिस्सा हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया हैं, जबकि बाकी हिस्सा एक संग्रहालय के रूप में हैं।
इसके अस्तित्व में आने अर्थात निर्माण के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प हैं। यह सही मायने में इसके संस्थापक महाराजा उम्मेदसिंह के ख्वाब की एक हसीन ताबीर हैं। यह महल अकाल से त्रस्त जनता को रोजगार देने के मकसद से बनाया गया था। जब तत्कालीन मारवाड़ रियासत की जनता भूख से मर रही थी तो महाराजा उम्मेदसिंह ने इस महल का निर्माण करने का निर्णय किया। इस भवन के निर्माण का आर.बी शिवरतन मोहता को ठेका दिया गया था। वास्तुविद व शिल्पविद जी.ए गोल्ड स्ट्रा ने वास्तु भूमिका का निर्वहन किया था। इसके लिए पत्थर लगाने, लाने, चुनाई और टांचने(तराशने) आदि तक के सारे काम मारवाड़ के मजदूरों व कारीगरों से ही करवाए गए, ताकि उन्हें रोजगार मिले। जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 65 से लगभग 5-6 किमी की दूरी पर स्थित ‘उम्मेद भवन पैलेस’ रियासत की कई परंपराओं का साक्षी और एक ऐसी धरोहर हैं, जिस पर सभी को नाज हैं।

शादियों व राजसी पार्टियों के लिए पहली पसन्द
उम्मेद भवन के एक हिस्से को म्यूजियम और दूसरे हिस्से को हेरिटेज होटल का रूप दिया गया हैं। उम्मेद भवन पैलेस के अली अकबर हॉल कई यादगर आयोजनों के लिए जाना जाता हैं। पहले भवन के अंदर घुसते ही अंदरूनी हिस्से में झाडियां थीं जहां पार्किग होती थी, बाद में विंटेज कारें रखी गई। ये कारें रैली के समय निकलती हैं। इसका लॉन व बरादरी बरसों से शानदार म्यूजिकल कार्यक्रमों के लिए जाने जाते हैं। मौजूदा दौर में ‘उम्मेद भवन पैलेस’ ऊंचे दर्जे की शाही शादियों व राजसी पार्टियों के लिए सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला स्पॉट हैं। म्यूजिकल नाइट में जब यह रंग-बिरंगी रोशनी में जगमगाता हैं, इसकी आभा अत्यधिक शानदार/अद्भुत/लाजवाब नजर आती हैं। पर्यटकों द्वारा अत्यधिक पसंद किए जाने वाले इस स्पॉट ‘उम्मेद भवन पैलेस’ को देखने हेतु बकायदा शुल्क निर्धारित हैं।

रॉयल लुक करता हैं पर्यटकों को आकर्षित
लॉन सहित करीब 26 एकड़ में फैले ‘उम्मेद भवन पैलेस’ को तराशे हुए पीले और सुनहरे रंग के पत्थरों से बनाया गया हैं। उम्मेद भवन बड़े ही राजसी अंदाज में राजस्थान की धरोहर को समेटे हुए हैं। बेजोड़ कारीगरी और नक्काशी इस महल की शोभा बढ़ाती हैं। शाही शानो-शौकत से भरपूर ‘उम्मेद भवन पैलेस’ का रॉयल लुक पर्यटकों को अत्यधिक आकर्षित करता हैं। यहीं कारण हैं कि यहां हमेशा पर्यटकों को बेतहाशा भरमार रहती हैं। जो लोग जोधपुर घूमने आते हैं, वे ‘उम्मेद भवन पैलेस’ का भ्रमण किए बिना नहीं रह पाते हैं। यह वास्तुकला का बेहतरीन नमूना तो हैं ही, इसकी दीवारों पर बहुत ही सुन्दर और कलात्मक कारीगरी की गई हैं। इसका शिलान्यास 18 नवम्बर 1929 को महाराजा उम्मेदसिंह ने किया। तामीर स्थल की लंबाई 195 मीटर और चौड़ाई 103 मीटर हैं। निर्माण पर कुल एक करोड़ 9 लाख 11 हजार 228 रूपए खर्च हुए। ‘उम्मेद भवन पैलेस’ में 15 एकड़ भूमि पर बगीचा हैं। केंद्रीय गुम्बज की ऊंचाई 150 फीट हैं तथा गोलाई के लिए 15 बड़े-बड़े स्तम्भ प्रयुक्त में लिए गए।

ट्रेडिशन और लग्जरी का बेहतरीन कॉम्बिनेशन
‘उम्मेद भवन पैलेस’ में कुल 365 कमरे हैं। 40 से ज्यादा लग्जरीयस हैं, जिनको सुविधाओं के लिहाज से रूम, रायल सुईट, महाराजा सुईट और महारानी सुईट में बाटा गया हैं। इन कमरों में ट्रेडिशन और लग्जरी का बेहतरीन कॉम्बिनेशन हैं। खिडक़ी और बालकोनी से नजर दौड़ाने पर दिलकश ऩारे दिखाई देते हैं। एंटिक डिजाइन का सोफा, बेड और इंटीरियर यहां के कमरों को कलात्मक टच देते हैं। यहां स्टाइलिश फाउंटेन, पुल, स्पॉ और जिम फैसिलिटी का आनंद भी लिया जा सकता हैं। खाने के लिए शानदार रेस्टोरेंट हैं, जहां पैलेस की छत पर खुले आसमां के नीचे राजस्थानी लजीज व्यंजनो का लुत्फ़ उठाया जा सकता हैं। राजस्थान व खासकर मारवाड़ की संस्कृति से पर्यटकों को रूबरू करने के लिए शाम के वक्त यहां लोकगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता हैं।

आकर्षित करता हैं राजसी अंदाज वाला स्पॉट
‘उम्मेद भवन पैलेस’ शादी और निजी आयोजनों के लिए लोगों की पसंदीदा जगह हैं। इसके अतिरिक्त हनीमून कपल्स और अक्जाटिक ट्रेवलिंग का शौक रखने वालो को भी राजसी अंदाज वाला यह महल खूब लुभाता हैं। ‘उम्मेद भवन पैलेस’ में रुकना अपने आप बेहद सुकून भरा हैं। यहां ठहरने वाले पर्यटक यदि जोधपुर/सूर्यनगरी की सुन्दरता को और करीब से देखने की चाहत रखते हैं तो, मेहरानगढ़ किले का भ्रमण कर सकते हैं जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। फूल महल, झांकी महल और राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क भी दर्शनीय हैं।

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