घनश्याम डी रामावत
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में एक किन्नर के पक्ष में सुनाए गए फैसले ने प्रदेश के किन्नरों के लिए सरकारी नौकरी के दरवाजे खोल दिए हैं। प्रदेश के जालोर जिले की जाखड़ी निवासी किन्नर गंगा कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान पुलिस विभाग को उसे नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं।
किसी किन्नर को सरकारी नौकरी देने का राजस्थान में यह प्रथम और देश में तीसरा मामला हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब पुलिस में कांस्टेबल के पद पर पहली बार किसी किन्नर को नियुक्ति दी जाएगी। जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट ने गंगा कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 सप्ताह में नियुक्ति देने और वर्ष 2015 से ही नोशनल बेनीफिट देने के निर्देश दिए हैं। गंगा कुमारी की ओर से अधिवक्ता रितुराज सिंह ने पैरवी करते हुए कहा कि गंगा कुमारी पुलिस कांस्टेबल के पद के पात्र होने के बावजूद जालोर पुलिस अधीक्षक द्वारा नियुक्ति नहीं दी गई। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में चयनित किन्नर की नियुक्ति को लेकर पुलिस मुख्यालय एवं गृह विभाग असमंजस में थे। काफी समय से इस बारे में निर्णय नहीं हो पा रहा था। इस पर किन्नर गंगा कुमारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और इस पर जस्टिस दिनेश मेहता ने 13 नवम्बर 2017 को आदेश दिए।
वर्ष 2013 में हुआ था चयन
वर्ष 2013 में 12 हजार पदों के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा हुई थी। इसमें गंगाकुमारी का भी चयन हुआ। सभी अभ्यार्थियों का मेडिकल कराया गया तो गंगा के किन्नर होने की बात सामने आई। इस पर पुलिस अधिकारी नियुक्ति देने को लेकर असमंजस में पड़ गए। गंगादेवी के किन्नर होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने पुलिस मुख्यालय में मामला भेजा। पुलिस मुख्यालय निर्णय नहीं कर पा रहा था,इस पर गंगा कुमारी कोर्ट में गई और उसे न्याय मिला।
सुनवाई नहीं हुई, तब लगाई याचिका
किन्नर गंगा कुमारी के अनुसार वर्ष 2013 में पुलिस कांस्टेबल में चयन होने के बाद ना तो पुलिस विभाग कोई निर्णय ले पाया और ना ही गृह विभाग। किन्नर होने के कारण उसे नौकरी नहीं दी जा रही थी, जबकि देश में दो ऐसे मामलों में फैसला किन्नर के पक्ष में हो रखा था। ऐसे में राजस्थान में नियुक्ति नहीं दिया जाना इनके लिए अत्यधिक कष्टप्रद था। मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी पड़ी जहां अंतत: न्याय मिला और हक में फैसला आया।
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