Wednesday, 8 November 2017

लकड़ी के हस्तशिल्प उत्पाद : लागू होगा यूनिक बारकोड सिस्टम

घनश्याम डी रामावत
भारत सरकार के केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने विदेशी ग्राहकों में विश्वसनीयता व भरोसा बढ़ाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए भारतीय लकड़ी के हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण व स्त्रोत की वैधानिक जानकारी देने के लिए पहल की हैं। मंत्रालय ने उत्पाद की वैधानिक जानकारी यूूनिक बारकोड सिस्टम के माध्यम से जारी करने का प्रयास किया हैं। इस वजह से भारत से निर्यात होने वाले लकड़ी के हस्तशिल्प उत्पादों पर अब जल्द ही यूनिक बारकोड सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे ग्राहक उस उत्पाद में काम में ली गई लकड़ी के बारे में ऑनलाइन पूरी जानकारी देख सकेंगे। जोधपुर(राजस्थान) लकड़ी के हस्तशिल्प के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा निर्यातक हैं और जोधपुर को विदेशों में इंडिया का हाई पॉइंट व क्राफ्ट सिटी के नाम से भी जाना जाता हैं। ऐसे में विदेशी ग्राहकों के साथ जोधपुर के हस्तशिल्प निर्यातक भी इस सिस्टम को लेकर बेहद उत्साहित हैं।

उत्पाद की संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन
यूनिक बारकाड सिस्टम प्रणाली लागू होने के बाद अगर कोई विदेशी ग्राहक भारत में निर्मित लकड़ी के उत्पाद खरीदता हैं, तो उस उत्पाद में काम में ली गई लकड़ी, कटाई तथा लकड़ी की उपलब्धता का स्थान, लकड़ी की किस्म, निर्माण व फिनिशिंग आदि अन्य स्त्रोतों के बारे में पूरी जानकारी ऑनलाइन बारकोड की सहायता से देख सकेगा। इससे विदेशी ग्राहकों को लीगल वुड क्रिटिकल मेन्टर व वुड डिस्क्रिप्शन की पूरी जानकारी बहुत ही कम समय में मिल जाएगी। यूनिक बारकोड सिस्टम वृक्ष सर्टिफिकेट सिस्टम में एक अतिरिक्त सिस्टम होगा, जो हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात करने के लिए वैधानिक लकड़ी को प्रमाणित करेगा।

विदेशी ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा
लकड़ी के उत्पादों के निर्यात पर यूनिक बारकोड सिस्टम लागू हो जाता हैं, तो इससे विदेशी ग्राहकों को भारत के हस्तशिल्प बाजार के प्रति और विश्वास बढ़ेगा। विश्व में अभी तक आस्ट्रेलिया ऐसा पहला देश हैं, जहां यह सिस्टम लागू हैं। यह सिस्टम जल्द ही भारत में लागू होगा तो भारत इस सिस्टम को लागू करने वाला दुनियां का दूसरा देश होगा।

जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स का व्यू 
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स के अनुसार यह अच्छी पहल हैं किन्तु आधारभूत ढ़ांचा तैयार नहीं हैं। देश में वैध लकड़ी का ही निर्यात किया जाता हैं। सरकार इस सिस्टम को लागू करने से पहले यहां के निर्यातकों के साथ प्लान कर के और सरलीकरण के साथ इसे लागू करे तो यहां के निर्यातकों को और बेहतर सहयोग मिलेगा तथा निर्यात में दिक्कतें नहीं आएगी।

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