Wednesday, 29 November 2017

गुजरात चुनाव : मारवाड़ी अनुभवी राजनेताओं पर भरोसा

घनश्याम डी रामावत
गुजरात चुनाव पर सभी की नजर हैं। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसमें अपनी जान फूंक रहे हैं। इस सियासी रण को जीतने के लिए प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने मारवाड़ के अनुभवी राजनेताओं पर भरोसा जताया हैं, ऐसा अब तक के चुनावी घमासान को देखकर प्रतीत हो रहा हैं। गुजरात चुनाव की कमान मोटे तौर पर सीधे मारवाड़ राजस्थान के बड़े अनुभवी राजनेताओं को दी गई हैं। खासकर मारवाड़ की राजधानी कहे जानेे वाले जोधपुर क्षेत्र से कांग्रेस और बीजेपी के अनेक राजनेता गुजरात पहुुंचे हैं।

पिछले लंबे समय से गुजरात में सत्ता से महरूम कांग्रेस पार्टी ने पश्चिमी राजस्थान अर्थात मारवाड़ की धरा के प्रमुख कद्दावर राजनेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गुजरात चुनाव प्रभारी के तौर पर मैदान में उतारा हैं। गहलोत इन दिनों कांग्रेस के सर्वेसर्वा गांधी परिवार के बेहद नजदीक हैं। चुनाव में गहलोत के नजदीकी समझे जाने वाले मारवाड़ के तकरीबन सभी नेता व कार्यकत्र्ता गुजरात चुनाव में सियासी कमान थामे हुए हैं। जोधपुर से पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़, जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन राजेन्द्रसिंह सोलंकी, पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा, राजसिको के पूर्व अध्यक्ष सुनील परिहार तथा नगर निगम में प्रतिपक्ष के उप नेता गणपतसिंह चौहान सहित कई राजनेता गुजरात चुनाव में जोर शोर से जुटे हुए हैं।

भाजपा ने इन नेताओं का उतारा मैदान में
भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो जोधपुर संभाग के प्रमुख संसदीय क्षेत्र पाली के सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री पी पी चौधरी के पास गुजरात चुनाव का सह प्रभार हैं। अब तक सभी प्रदेशों में बीजेपी के सर्वाधिक विश्वसीय रहे राज्यसभा सांसद ओमप्रकाश  माथुर भी प्रमुख रणनीतिकार हैं। माथुर पीएम मोदी के गुजरात के सीएम रहते लंबे समय तक प्रमुख रणनीतिकार के तौर पर अपनी भूमिका का निर्वहन करते रहे हैं। इसके अलावा पाली जिले से उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ और जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड़ भी गुजरात चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने हेतु जी जान से जुटे हुए हैं। सोजत विधायक संजना आगरी को भी प्रथम चरण के होने वाले चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई हैं।

मारवाडी प्रवासी तय करेंगे सियासी भविष्य
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव में प्रवासी मारवाड़ी सियासी भविष्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। अनेक सीटों पर बरसों से वहां बसे प्रवासी मारवाडिय़ों के वोट उम्मीदवारों की जीत हार तय करेंगे। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद समेत सूबे के एक दर्जन से अधिक प्रमुख शहरों में बड़ी तादाद में मारवाड़ी प्रवासियों की भारी संख्या हैं। ये प्रवासी मारवाड़ी न केवल वर्षों से कामकाज के सिलसिले में यहां रह रहे हैं, बल्कि अब वे गुजरात के निवासी भी बन चुके हैं। गुजरात के मेहसाणा, पालनपुर, अहमदाबाद, सूरत, डीसा, वलसाढ़, राजकोट व बड़ोदरा समेत एक दर्जन के करीब शहरों में प्रवासी मारवाडिय़ों ने अपना कामकाज संभाल रखा हैं तथा वे इस चुनाव में अपना खासा प्रभाव रखते हैं। चूंकि सभी परिवार सहित रहते हैं लिहाजा मतों की संख्या भी अच्छी खासी हैं।

मत देने का अधिकार हासिल किया
मारवाड़ के जोधपुर, नागौर, पाली व सिरोही जिलों से संबद्ध अनेक परिवार अब न सिर्फ गुजरात के विभिन्न शहरों में अपने आशियाने बना चुके हैं, बल्कि उन्होंने वर्षों से वहां रहते हुए अपने आप को बेहतरीन तरीके से स्थापित करते हुए चुनावों में वोट देने का अधिकार भी हासिल कर लिया हैं। ऐसे में यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं हैं कि चुनाव में मारवाड़ी प्रवासी लोगों की भी अहम भूमिका रहेगी। ज्ञातव्य रहें, पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 162 सीटों मे से 120 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए थे। 43 सीटों पर कांगेस को जीत मिली। वहीं, 2 सीट एनसीपी तथा 1 सीट जेडीए के खाते में गई। अन्य एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहा।

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