Tuesday 28 June 2016

श्री हनुमान-शनिधाम(जोधपुर) : आस्था-श्रद्धा का अद्भुत केन्द्र होने के साथ ही प्रमुख आरोग्य स्थल..

घनश्याम डी रामावत
जोधपुर महानगर का अत्यधिक शांत कहा जाने वाले प्रतापनगर इलाका और उसमें 18 गुणा 20 आकार का एक कमरानुमा मंदिर.. यहां लगी भगवान शनिदेव की आदमकद प्रतिमा और उसके समक्ष नत-मस्तक होते सैकड़ों लोगो की भीड़। जी हां! मैं बात कर रहा हूं यहां स्थितश्री हनुमान शनिधामकी। एक ऐसा धाम जहां आस्था/श्रद्धा सिर चढक़र बोलती हैं। सप्ताह में मंगलवार शनिवार को यहां श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ रहती हैं। हनुमान जयंती शनि जयंती जैसे अवसरों पर तो पूछिए ही मत। और हो भी क्यों नहीं? इस मंदिर/धार्मिक स्थल के अपने अनगिनत चमत्कार जो हैं।

आम तौर पर भगवान शनि को कोप बरपाने वाला देवता समझा जाता हैं किन्तु यहां आने वाले श्रद्धालुओं से मिल ले तो यह धारणा महज कुछ ही सैकण्ड में बदल जाती हैं। भगवान शनि के भक्तों के अनुसारश्री हनुमान शनिधामऐसा धाम हैं जहां लोग अपनी पीड़ाओं का बड़ा पिटारा लेकर पहुंचते हैं किन्तु लौटते हैं ढ़ेरों खुशियों के साथ। शायद इस प्रकार की चमत्कारिक शक्तियों ने ही इस धाम को  अल्प समय में ही बहुत अधिक प्रसिद्ध बना दिया हैं। वर्ष 2010 में अस्तित्व में आया यह धाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। कष्ट हर्ता-विघ्रहर्ता के रूप में विख्यात हो चुके इसश्री हनुमान शनिधामपर अब प्रदेश ही नहीं देश के अन्य राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं और धाम पर अपना शीश झुकाकर विभिन्न मन्नतें मांगते हैं तथा कष्टों से निवारण पाते हैं।

शेर/हाथी घोड़े पर सवार हैं भगवान शनिदेव
भगवान शनिदेव के जयकारों से हर वक्त गूंजायमान रहने वाले इस पूर्व मुखी हनुमान-शनिधाम धार्मिक स्थल पर वर्षभर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता हैं जिसमें देशभर से भारी तादाद में श्रद्धालु शामिल होते हैं। प्रमुख रूप से जनवरी में मकर संक्रांति पर्व पर छप्पन भोग, चैत्र माह शुक्ल पक्ष पूर्णिमाश्री हनुमान जयंतीपर सवामणी, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्याश्री शनि जयंतीपर 251 किलो मालपुओं का भोग प्रसादी सहित अश्विन माह शुक्ल पक्ष अष्टमी कुलदेवी चामुण्डा माता पाटोत्सव प्रसादी जैसे अति-विशिष्ट धार्मिक आयोजन यहां होते हैं। देश/विदेश में वैसे तो भगवान शनिदेव के अनेक मंदिर/धार्मिक स्थल विद्यमान हैं जहां भक्त अपने कष्टों के निवारण हेतु प्रतिदिन पूरी आस्था श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं किन्तु जोधपुर का यह धार्मिक स्थल कुछ अलग विशेषताओं को समेटे हुए हैं। श्री हनुमान-शनिधाम प्रबंधन की माने तो यहां विराजमान भगवान शनिदेव की प्रतिमा विश्व की एक मात्र ऐसी प्रतिमा हैं जो एक साथ शेर/हाथी घोड़े पर सवार हैं।

धार्मिक स्थल की आरोग्य केन्द्र के रूप में भी पहचान
संभवत: भगवान शनिदेव की अनूठी इस चमत्कारिक प्रतिमा का ही प्रभाव हैं कि यह धार्मिक स्थल बहुत अल्प समय में बहुत तेजी से देशभर के लोगों में आस्था श्रद्धा के तौर पर अपना स्थान बना पाया हैं। यहां होने वाले विभिन्न धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालु ध्वजारोहण/संकल्प पूजन/भगवान शनिदेव को गंगाजल, गुलाबजल, इत्र, सरसों तेल से अभिषेक श्रृंगार जैसे कार्यक्रमों में प्रमुखता से भाग तो लेते ही हैं, सर्व-बाधा निवारण हवन के माध्यम से अपने कष्टों से मुक्ति भी प्राप्त करते हैं। इस धार्मिक स्थल को प्रमुख आरोग्य केन्द्र के रूप में भी जाना जाता हैं। संभवत: भगवान शनिदेव के चमत्कारों के साथ यहीं वह प्रमुख वजह हैं जिसने इस धार्मिक स्थल को तेजी से जन-जन में प्रचारित/प्रसारित करने का काम किया। धार्मिक स्थल प्रबंधन की माने तो वे भगवान शनिदेव से संबद्ध प्रमुख श्लोक/मंत्रों सहित गीता में उद्धत प्रमुख वाक्यकर्मण्येवाधिरस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।को आधार मानकर कार्य करते हैं। अर्थात यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु/नर-नारी को साक्षातनारायणमानकर ही व्यवहार किया जाता हैं।
  
असाध्य रोगों से संबंधित औषधियां नि:शुल्क उपलब्ध
श्रद्धालुओं की माने तो विभिन्न शारीरिक व्याधियों से मुक्ति दिलानें के लिए विख्यातश्री हनुमान शनिधामधार्मिक स्थल पर प्रत्येक शनिवार को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाने वाले भगवान शनिदेव के अभिषेक किए हुए अभिमंत्रित दर्द निवारक तेल से लोगों को जोड़ों के दर्द सहित कमर, घुटना, गर्दन तथा शरीर में व्याप्त अनके पीड़ाओं से मुक्ति मिलती हैं।श्री हनुमान शनिधामप्रबंधन के अनुसार तेल में मौजूद शुद्ध जड़ी-बूटियों का मिश्रण सूजन जोड़ों के दर्द के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। प्रबंधन की ओर से अनेक असाध्य रोगों से संबंधित औषधियां भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। देशभर में मौजूद भगवान शनिदेव के अन्य धार्मिक स्थलों की तरह ही यहां भी श्रद्धालु अपनी विभिन्न मन्नतों के साथ नारियल/धागा अर्पित करते हैं जिसे वह पूरी हो जाने के बाद पुन: प्राप्त करते हुए प्रसन्नता के साथ अपने आराध्य श्री शनिदेव का आभार व्यक्त करते हुए उनके सम्मान में श्रद्धापूर्वक वृहद स्तर पर धार्मिक आयोजन/महाप्रसादी/भजन कीर्तन करते हैं। जानकारों की माने तो पिछले एक वर्ष से भगवान शनिदेव को व्यापार में भागीदार बनाने का चलन भी बढ़ा हैं।

मंदिर/धार्मिक स्थल की देखरेखगोपाल जादूगरपरिवार द्वारा
वर्ष 2010 से अस्तित्व में आए इस मंदिर/धार्मिक स्थल को लेकर वर्तमान में कोई ट्रस्ट अथवा खास प्रबंध समिति नहीं हैं एवं यहां का समस्त प्रबंध/प्रबंधन/पूजा पाठ इस पावन धाम के निर्माण कत्र्ता जादुई दुनियां की जानी मानी शख्सियतगोपाल जादूगरएवं उनके परिवारजनों द्वारा ही किया जाता हैं। प्रताप नगर(जोधपुर) पुलिस चौकी के ठीक सामने स्थितश्री हनुमान शनिधाममें सूर्य पुत्र भगवान शनिदेव की पूजा विशुद्ध वैष्णव पद्धति से की जाती हैं। श्री शनिदेव की मूर्ति का रंग श्यामवर्णी हैं तथा धार्मिक स्थल पर हर वक्त अखंड ज्योति प्रज्जवलित होती रहती हैं। भगवान शनिदेव को उड़द से निर्मित इमरती मिठाई के अलावा तिल के तेल से बने व्यंजनों का भोग लगाया जाता हैं। धार्मिक स्थल पर श्री शनिदेव के अतिरिक्त श्री शिव परिवार, हनुमान जी चामुण्डा माता जी की प्रतिमाएं विराजित हैं।

जोधपुर रेलवे स्टेशन से मात्र 4 किमी की दूरी पर
पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख महानगर जोधपुर में आबाद यह धार्मिक स्थल रेलवे स्टेशन से महज 4 किमी एवं राईकाबाग बस स्टेशन से 7 किमी की दूरी पर हैं। रेल्वे स्टेशन और बस स्टेशन सहित महानगर में हर प्रमुख चौराहा/गली/नुक्कड़ सेश्री हनुमान शनिधाम’/प्रताप नगर तक जाने के लिए ऑटो की सुविधा मौजूद हैं। यहां पहुंचने के लिए कार/टैक्सी भी किराए पर ली जा सकती हैं।
(ब्लॉगर का उद्देश्य स्थान विशेष के बारे में अवगत कराना मात्र हैं। इसमें उद्धत किया गया सब कुछ सुनी-सुनाई/प्राप्त जानकारी के आधार पर हैं। संदर्भ में विश्वास करना/अंधविश्वास मानना अध्ययन करने वालो/पाठकों के स्वविवेक पर हैं।