Sunday 7 November 2021

कार्तिक पूर्णिमा 19 को, 5 उपाय अत्यधिक महत्वपूर्ण

 घनश्याम डी रामावत

इस बार कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर शुक्रवार को हैं। सनातन परम्परा में इस दिन का खास महत्व हैं। यहीं कारण हैं सदियों से सभी लोग इस पर्व को पूरे विधि विधान से मनाते चले आ रहे हैं एवं इस बार भी इसे पूरे धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पूर्णिमा को अन्य पूर्णिमाओं से अधिक महत्वपूर्ण माना गया हैं। इस दिन अर्थात कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी कहा जाता हैं, क्योंकि गंगा के तट पर देवता स्नान करके दीप जलाकर स्वर्ग प्राप्ति का उत्सव मनाते हैं (ऐसा धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख हैं)। 

इंडो अमेरिकन एस्ट्रोलॉजी अवार्ड से सम्मानित ज्योतिष संस्थान प्रिंस एस्ट्रो लाइन, जोधपुर के निदेशक एवं जाने माने ज्योतिर्विद्/लाल किताब विशेषज्ञ नरेन्द्रसिंह राठौड़ की माने तो इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखकर इस पर्व की महत्ता व इसके चमत्कारिक प्रभावों से हर कोई लाभान्वित हो सकता हैं। राठौड़ के अनुसार इस दिन 5 उपाय अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये उपाय प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से जुड़े हैं एवं इसकी सही से पालना व विधिसंगत पूजा अर्चना से जीवन में धन संबंधी समस्या से पार पाया जा सकता हैं। राठौड़ के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ये पांच उपाय इंसान के जीवन के लिए ऐसा अचूक मंत्र हैं, जिसकी सही से पालना व अनुसरण उसे मालामाल बना सकता हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन चन्द्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति अनसूया और क्षमा इन छ: तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन करना चाहिए। क्योंकि ये स्वामी कार्तिक की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरूण हुताशन और सशूक ये सायंकाल में द्वार के ऊपर शोभित करने योग्य हैं। अत: इनका धूप-दीप, नैवेद्य द्वारा विधिवत पूजन करने से शौर्य, बल, धैर्य आदि गुणों में वृद्धि होती हैं। साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि होती हैं। 

देव स्वयं दीप जलाकर करतेे हैं खुशी का इजहार
सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर नरेन्द्रसिंह राठौंड़ की माने तो धार्मिक स्तर पर ऐसी मान्यता हैं कि देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसलिए दीपदान का बहुत ही महत्व हैं। नदी, तालाब आदि जगहों पर दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त होते हैं और जातक कर्ज से भी मुक्ति पा जाता हैं। उनके अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण अवश्य बांधना चाहिए और इस दिन दीपावली की ही तरह दीपक जलाने चाहिए। उन्होंने बताया कि इस दिन शालिग्राम के साथ ही तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का भी बहुत ज्यादा महत्व हैं। इस कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया हैं। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत ही महत्व हैं। अत: इसमें किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल होता हैं। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाना चाहिए जिससे मनोरथ पूर्ण हो और दरिद्रता दूर हो। उनके अनुसार इस दिन व्रत का भी बहुत अधिक महत्व हैं। 

व्रत करने पर अग्निष्टोम यज्ञ समान फल की प्राप्ति
उन्होंने बताया कि इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होते हैं। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा से एक वर्ष तक पूर्णिमा व्रत का संकल्प लेकर प्रत्येक पूर्णिमा को स्नान दान आदि पवित्र कर्मों के साथ श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करने का अनुष्ठान भी प्रारंभ होता हैं। अंतिम पांचवे उपाया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दानादिका दस यज्ञों के समान फल होता हैं। इस दिन में दान का भी बहुत ही ज्यादा महत्व हंै। इंसान को अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान किया जा सकता हैं, वह करना चाहिए। इससे घर परिवार में धन- समृद्धि और बरकत बनी रहती हैं।