Tuesday 24 December 2019

आग से भरी अंगूठी की तरह नजर आएगा ’सूर्य’ ('Sun' will look like a ring filled with fire)

घनश्याम डी रामावत
26 दिसंबर अर्थात पौष कृष्ण पक्ष अमावस्या/गुरूवार को साल का तीसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। इस बार ग्रहण के दौरान सूर्य भारत में आग से भरी अंगूठी की तरह नजर आएगा। इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कह सकते हैं। सूर्य ग्रहण में ऐसा नजारा लगभग 150 साल बाद दिखाई देगा। यह देश के अधिकांश राज्यों में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक 25 दिसंबर रात 8 बजे से शुरू होकर 26 दिसंबर प्रात: 11 बजे समाप्त होगा। जबकि जोधपुर शहर में ग्रहण का स्पर्श काल 26 दिसंबर को प्रात 8.08 मिनट से होकर प्रात: 10.57 मिनट रहेगा। यह भारत के अलावा श्रीलंका, उत्तर-पश्चिम आस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, कतर, सुमात्रा, मलेशिया, ओमान, सिंगापुर और पूर्वी अफ्रीका में भी दिखाई देगा।

नक्षत्रलोक ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान, जोधपुर के निदेशक एवं प्रख्यात ज्योतिर्विद/पंचांगकर्ता पण्डित अभिषेक जोशी के अनुसार इस बार एक माह में दो ग्रहण होने जा रहे हैं जिसे किसी तरीके से ठीक नहीं कहा जा सकता। पण्डित जोशी की माने तो यह प्राकृतिक आपदाओं हिंसक घटनाओं के बढऩे का संकेत हैं। पण्डित जोशी के अनुसार आने वाले : माह में देशद्रोही ताकते साम/दाम/दंड/भेद की नीति अपनाते हुए शासन व्यवस्था को कमजोर नुकसान पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास करेगी। यद्यपि यह प्रयास निकट भविष्य में स्वयं उनके लिये ही आत्मघाती ही सिद्ध होगा। राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पंहुचाने के साथ ही आम जनता से लूटपाट, चोरी डकैती महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं भी बढ़ेगी। पण्डित जोशी के अनुसार 26 दिसम्बर पौष कृष्ण पक्ष अमावस्या/गुरूवार को सूर्यग्रहण एवं इसके ठीक 15 दिन बाद 10 जनवरी, 2020 पौष पूर्णिमा/शुक्रवार को उपछाया चन्द्र ग्रहण होगा। जोशी के अनुसार 25 दिसम्बर को बुध धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा जो पंचग्रही योग बनाएगा। 25 दिसम्बर को ही मंगल तुला से वृश्चिक राशि मे प्रवेश कर धनु राशि में स्थित सूर्य, गुरु, शनि, केतु बुध के साथ द्विद्वादश योग मिथुन राशि मे स्थित राहु से मङ्गल का षडाष्टक योग बनेगा। यह ग्रह गोचर बड़ी अशांति की वजह बनने के प्रबल संकेत दे रहे हैं। आपराधिक विघटनकारी घटनाओं में वृद्धि के साथ आंतरिक स्तर पर आपसी प्रेम, भाईचारा/सौहार्द पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव नजर आएगा।

हर क्षेत्र में नजर आएगा व्यापक प्रभाव
जाने माने ज्योतिर्विद एवं पंचांगकर्ता पण्डित जोशी के अनुसार 25 दिसम्बर/बुधवार को ही धनु राशि में चन्द्र का भी प्रवेश हो जाएगा और यहां षटग्रही योग बनेगा। एक ही राशि में : ग्रहों का एकत्र होना बड़ी प्राकृतिक आपदा अर्थात भूकम्प, तूफान, सुनामी, अतिवृष्टि की तरफ संकेत के साथ ही अग्नि से संबंधित घटनाएं एवं ज्वालामुखी के सक्रिय होने की स्थिति बना रहा हैं। 31 दिसम्बर को न्याय का कारक ग्रह शनि भी अस्त हो जाएगा। ज्ञान, विवेक बुद्धि के कारक ग्रहों के अस्त होने के बाद न्याय, कानून सहनशीलता के कारक ग्रह का अस्त होने के कारण अनाचार, अत्याचार के साथ न्याय के विरुद्ध घटनाएं घटित होना संभव हैं। यह स्थिति सरकार या प्रशासन के किसी कार्य या फैसले को लेकर असहनशीलता या असंतोष आक्रोश बढऩे का संकेत भी हैं। ज्ञातव्य रहें, 15 दिसम्बर को देवगुरू ब्रहस्पति अर्थात गुरू ग्रह अस्त हो चुका हैं। गुरु का अस्त होने का अर्थ हैं ज्ञान विवेक पर पर्दा पडऩा। पण्डित जी के अनुसार इस स्थिति में अज्ञान अनाचार की घटनाओं में वृद्धि होना लाजमी हैं। 16 दिसम्बर को सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर चुका हैं जो गुरू-शनि केतु के साथ युति के बाद चतुर्ग्रही योग का कारण हैं। राहु से समसप्तक योग निर्मित हुआ हैं जो प्राकृतिक आपदा को निमंत्रित करने वाला हैं। जोशी के अनुसार 22 दिसम्बर को बुद्धि का कारक ग्रह बुध अस्त हो चुका हैं। यही कारण हैं कि पिछले दिनों देश में अचानक अधर्म अनाचार की घटनाओं की बाढ़ सी गई। ग्रहों की स्थिति के कारण आमजन को विशेष सावधानी सतर्कता रखना श्रेयकर होगा। 26 दिसम्बर को धनु राशि में : ग्रहों की युति के बीच साल का यह आखिरी सूर्यग्रहण होगा। इसका प्रभाव मेष राशि को अपमान, वृषभ को कष्ट, मिथुन को जीवनसाथी कष्ट, कर्क को सुख, सिंह को चिंता, कन्या को कष्ट, तुला को धनलाभ, वृश्चिक को हानि, धनु को घात, मकर को हानि, कुम्भ को लाभ मीन को सुख के रूप में फलीभूत होगा। 26 दिसम्बर को होने वाले सूर्यग्रहण के ठीक 15 दिन बाद 10 जनवरी 2020 पौष पूर्णिमा/शुक्रवार को उपछाया चन्द्रग्रहण होगा। यह ग्रहण भी भारत में दृश्य होगा एवं इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। पण्डित जोशी की माने तो यह दोनों ग्रहण भारतीय राजनीति में प्रतिष्ठित व्यक्तियों, व्यापारियों, सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले हैं। पाकिस्तान, अमरीका, इजरायल, उत्तर कोरिया एवं भारत की शासन व्यवस्था में भी व्यापक उलटफेर की स्थिति निर्मित होगी। आने वाले समय में ग्रहण का प्रभाव भारतीय राजनीति पर भी दिखाई देगा। सत्तारूढ़ दल के प्रमुख नेता के सत्ताच्युत होने से भाजपा के लिये सन 2020 कठिनाई भरा रहेगा। कांग्रेस को पुनर्जीवित होने में अभी समय लगेगा। भारत की जनता वंशवाद की राजनीति से विमुख हो राष्ट्रवादी मानसिकता को बल प्रदान करेगी।

नियमों का पालन जरूरी/मंत्र जाप श्रेष्ठकर
प्रख्यात ज्योतिर्विद/पंचांगकर्ता पण्डित अभिषेक जोशी के अनुसार सूतक काल से ही भोजन/जल ग्रहण स्त्री संसर्ग आदि बन्द कर देना चाहिए। ग्रहण काल में विशेष रूप से इसका पालन करना चाहिए। बच्चे, बूढ़ें, अशक्त रोगी के लिये कोई भी नियम पालनीय नही हैं ग्रहण काल मे शयन भी करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती हैं प्रकृति के नियमानुसार तो ग्रहण देखें ही इस समय बाहर निकलें। कुशा अथवा डाब अपने पास रखें। पानी के टांके में घी आटे मसाले दूध इत्यादि जो प्रचुर मात्रा में घर में रखे हुए हैं,उनमें कुशा/तुलसी अवश्य डालें। ग्रहण काल में अपनी राशि के अनुसार ईष्ट देव के मंत्रों का मानसिक जाप अवश्य करें। पण्डित अभिषेक जोशी के अनुसार मेष राशि के जातक  ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नम: का जाप करें। वृषभ राशि के जातक  गोपालाय उसरध्वजाय नम: का जाप करें। मिथुन राशि के जातक क्लीं कृष्णाय नम: का जाप करें। कर्क राशि के जातक  हिरण्य गर्भायै अव्यक्त रुपिणे नम: का जाप करें। सिंह राशि के जातक क्लीं ब्रह्मणे जगदाधारायै नम: का जाप करें। कन्या राशि के जातक प्रीं पिताम्बरायै नम: का जाप करें। तुला राशि के जातक  तत्व निरञ्जनायै तारक रामाय नम: का जाप करें। वृश्चिक राशि वाले  नारायणाय सूरसिंहाय नम: का जाप करें। धनु राशि वाले  देवकी कृष्णाय उर्ध्वषताय नम: का जाप करें। मकर राशि वाले श्रीवत्सलाय नम: का जाप करें एवं कुम्भ राशि वाले श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम: का जाप करें। इसी प्रकार मीन राशि वाले जातक क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम: का जाप करें। ग्रहण के उपरांत स्नान कर घर की सफाई झाड़ू पोछा कर वस्त्र अन्न का सफाईकर्मी को दान देवें। गर्भवती स्त्री और नवजात शिशु को ग्रहण काल में बाहर नही निकलना चाहिए, इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए।