Sunday 25 July 2021

इम्यूनिटी उत्तम स्वास्थ्य का मुख्य आधार स्तम्भ, सजगता जरूरी

 घनश्याम डी रामावत

कोरोना महामारी की पहली एवं फिर दूसरी लहर ने आमजन को खासा परेशान किया। महामारी के दौरान अनगिनत लोगों ने जहां अपनों को खोया, वहीं आमजन के स्वास्थ्य पर भी बड़े पैमाने पर प्रतिकूल असर देखने को मिला। रोजाना की दिनचर्या में अनेक लोग संक्रमण के दुष्प्रभाव के बाद उपजी शारीरिक अनेक प्रकार की व्याधियों के संदर्भ में चर्चा करते आसानी से मिल जाते हैं। 

अब जबकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने को लेेकर चर्चा चल रही हैं और आमजन असमंजस की स्थिति में हैं। आम व्यक्ति इससे अपने आप को किस प्रकार सुरक्षित रख सकता हैं तथा कैसे मौजूदा जीवन शैली मेंं कोरोना सहित अन्य बीमारियों का उस पर कम से कम दुष्प्रभाव हो, जोधपुर के जाने माने काय चिकित्सक/जनरल फिजिशियन डॉ. संजय श्रीवास्तव से खास बातचीत की। ‘होप ऑफ लाइफ’ से अपनी बात की शुरूआत करने वाले डॉ. श्रीवास्तव की माने तो इम्युनिटी/प्रतिरोधक क्षमता अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र हैं। उन्होंने कहा कि इसे हर हाल में व्यवस्थित रखा जाना जरूरी हैं। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार मजबूत इम्युनिटी कोरोना सहित अन्य सभी बीमारियों के खिलाफ ढ़ाल का काम करती हैं।

कोरोना महामारी ने अत्यधिक प्रभावित किया
डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर के बाद लोगों की जीवन शैली में काफी बदलाव आया हैं एवं आमजन को अपने स्वास्थ्य को लेकर अत्यधिक सजग रहने की जरूरत हैं। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार पोषक तत्वों की शरीर में प्रमुख भूमिका रहती हैं। इन्हें नकार कर अच्छे स्वास्थ्य की कल्पना नहीं की जा सकती हैं। उनका कहना हैं कि इम्युनिटी मजबूत रखेंगे तो शरीर स्वत: ही तंदरूस्त रहेगा। कोरोना काल में स्वयं एवं परिवार को सुरक्षित बनाए रखने का प्रतिरोधक क्षमता सबसे सशक्त तरीका/रक्षा कवच हैं। जाने माने काय चिकित्सक/फिजिशियन डॉ. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना कोई मुश्किल और बड़ा काम नहीं हैं। प्राकृतिक पोषक तत्वों को भोजन में शामिल करने से लेकर, नियमित दिनचर्या के साथ खेलने/कसरत करने को जीवन शैली में अपनाकर इसे बढ़ाया जा सकता हैं।

पोषक तत्वों को डाइट में प्रमुखता से शामिल करें
डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार मौजूदा दौर में चाय से दूरी बनाने के साथ जंक फूड से भी बचने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि फाइबर अर्थात रेशेयुक्त भोजन, फल, सब्जियां आदि खाने पर ध्यान देना चाहिए और फैट यानी वसा वाले भोज्य पदार्थ खाना बंद करना होगा। बेशक गर्मी के दिन हैं, लेकिन कोल्ड ड्रिंक और ठंडी चीजों के सेवन से भी बचना होगा। फलों के जूस पीने के बजाय फल काटकर खाने पर ध्यान दें, जिससे फाइबर ज्यादा मिलेगा। क्रीम की अपेक्षा वेज सैंडविच और पनीर सैंडविच खाया जा सकता हैं। शाम को ड्राईफ्रूट्स लिए जा सकते हैं जिससे स्वाद भी आयेगा और पेट भी भरेगा। बच्चों-किशोरों को आयरन, विटामिन-डी और कैल्शियम की जरूरत ज्यादा होती है। इसके लिए दूध, दही व पनीर इत्यादि भी खाने में शामिल करें। अंकुरित अनाज यानी स्प्राउट्स ले सकते हैं। स्प्राउट्स को सैंडविच के साथ अथवा पराठे में भरकर भी खा सकते हैं। स्टीम फूड अर्थात बिना घी-तेल की बनी चीजें बच्चों और किशोरों के लिए बेहतर हैं। इम्युनिटी के लिए सभी को आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी की जरूरत होती हैं। प्रोटीन, फल और सब्जियां खाएं ताकि हड्डियां मजबूत हों और पोषण की कमी न हो।

ईश्वर के प्रति विश्वास/समर्पण का भाव जरूरीे

सूर्यनगरी में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजय श्रीवास्तव की मान्यता हैं कि मरीज को चिकित्सा के दौरान अच्छी दवाइयों के साथ ईश्वर के प्रति उसके विश्वास व समर्पण की भी प्रमुख भूमिका रहती हैं। डॉ. श्रीवास्तव के माने तो प्रत्येक इंसान को ईश्वर के प्रति अपने भरोसे को हमेशा कायम रहना चाहिए। उनके अनुसार बेहतर इम्युनिटी के लिए अच्छी डाइट आवश्यक हैं। शरीर में पोषक तत्वों की कमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। उनकी मान्यता हैं कि उत्तम सेहत के लिए दवाइयों की नहीं, अच्छी डाइट की जरूरत होती हैं। डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार इम्युनिटी बरकरार रखने के लिए जितना संभव हो सके बाहर के खाने से बचना चाहिए। अपने खाने में ज्वार, जौ व बाजरा जैसे अनाज को शामिल करें। रागी का दलिया उत्तम हैं। सुबह उठकर गुनगुना पानी लें। एक बार में ज्यादा खाना लेने और छोड़ देने के बजाय नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं। प्रतिदिन एक्सरसाइज करें। नाश्ते में नट्स, बीज और दलिया शामिल करें। चाय न पिएं तो अच्छा हैं। सोते वक्त हल्दी डालकर दूध लें। 

सबसे अच्छी बात डॉ. श्रीवास्तव ने बताई कि ईश्वर को प्रसाद/भोग में चढ़ाई जाने वाली प्रत्येक चीज श्रेष्ठ होती हैं, इसे डाइट में अवश्य शामिल करना चाहिए। उत्तम स्वास्थ्य के लिए नियमित दिनचर्या बेहद जरूरी हैं। इम्युनिटी बढिय़ा रखने के लिए खान-पान में पर्याप्त मैक्रो-न्यूट्रिएंट्स और सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत होती हैं, इस ओर अवश्य ध्यान देना चाहिए। पढऩे, खाने, खेलने व सोने का समय तय करने के साथ ही हल्का व्यायाम आवश्यक हैं।